Kavita Jha

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त्योहारों रीति रिवाजों वाली डायरी# लेखनी धारावाहिक प्रतियोगिता -07-Nov-2022

२५.०७.२०२३
बहुत दिनों बाद आज लेखनी पर अपनी एक कविता आधे अधूरे मिसरे वाली प्रतियोगिता के लिए लिख कर पोस्ट की।
 यह साल बहुत ही व्यस्तता से बीत रहा है। त्योहार आ कर चले जाते हैं पर उत्साह शून्य है। 
लेखनी से मन जुड़ा हुआ है भले लिख नहीं पाती हूं पर लिखना चाहती हूं। प्रतियोगिता के माध्यम से खोया हुआ उत्साह फिर से जागृत हो जाए और मेरी कलम चल पड़े।
डायरी का यह पन्ना कई महीनों से ड्राफ्ट में पड़ा था सो अभी इस पर नजर गई। 
जल्द ही अपनी कोई कहानी लेकर लेखनी पर हाजिर होऊंगी। फिलहाल आधे अधूरे मिसरे की सभी कविताएं लिख पाऊं।
कविता झा'काव्य'
#लेखनी
#लेखनी पर मेरी डायरी 

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